नमस्कार दोस्तों, इस आर्टिकल में हम देखेंगे कि e-rupee/ eRupi kya hai और कैसे इसे एक पायलट प्रोजेक्ट के अंतरगत अभी हाल ही में आरबीआई द्वारा लॉन्च किया गया है. 30 अक्टूबर 2022 को एक प्रेस रिलीज में आरबीआई ने e-rupee को होलसेल सेगमेंट के लिए लॉन्च कर दिया. अभी इस लेख में e rupi in hindi में डिस्कस करेंगे कि होलसेल सेगमेंट क्या है, रिटेल सेगमेंट क्या है, कैसी e-rupee को लॉन्च किया है और कैसे यह एक डिजिटल इकोनॉमी को यानी डिजिटल इंडिया को boost प्रोवाइड करेगा.
e rupi kya hai? | e rupi in hindi
e-rupee को यह कहा जा रहा है की जैसे हमारा कैश का लेनदेन होता है, जैसे हम एक दूसरे को कैश में लेन देन करते हैं उसी तरह से e-rupee काम करेगा, यानी सरकार का जो एक तरह से लक्ष्य है वो ये है कि धीरे धीरे करके हम कैश को एलिमिनेट कर देंगे और कैश की जगह पर हम e-rupee को यूज़ करेंगे. और इससे होगा क्या? इससे इंडिया की डिजिटल इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा, डिजिटल इंडिया की तरफ हमारा ये एक और इनिशिएट होगा.
अब काफी सारे सवाल इसके साथ जुड़े हुए हैं की E Rupee Kya Hai, what is eRupee in Hindi. जब हमारे पास ऑलरेडी IMPS, RTGS, NEFT है इससे भी तो हम एक दूसरे को पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं और UPI हर रोज़ एक नए नए माइलस्टोन वो अचीव कर रहे हैं, लोग लगातार कैश को avoid करके UPI का यूज़ कर रहे हैं तो ये भी तो एक इनिशिएट था लेकिन e-rupee को लॉन्च करने का अलग से क्या फायदा है?
तो चलिये जानते हैं आपके सभी प्रश्नों के जवाब आसान और सरल भाषा में.
e-rupee के लाभ | Benefits of eRupee
आइए जानते हैं कि e-rupee कैसे कम करेगा तथा e-rupee के क्या-क्या फायदे हैं.
- e-rupee के लिए आपको ज़रूरी नहीं है की आपके पास कोई बैंक अकाउंट हो क्योंकि जब आप UPI का यूज़ करते हो या आरटीजीएस करते हो इन सभी चीजों के लिए आपके पास बैंक अकाउंट होना जरूरी है.
- अगर आप e-rupee को यूज़ करना चाहते हो तो कोई जरूरी नहीं है क्या आपके पास बैंक अकाउंट हो, कोई जरूरी नहीं है कि आपके पास स्मार्ट फ़ोन हो और कोई जरूरी नहीं है कि आपके पास इंटरनेट का कनेक्शन हो .
- अभी तो यह पायलट प्रोजेक्ट के लिए ही लॉन्च किया गया है लेकिन e-rupee से जब आप एक दूसरे को पैसा ट्रांसफर करोगे तो ये इतना स्मूथ प्रोसेसेस है कि रीयल टाइम में ही आपकी पेमेंट से हो जाएगी और जैसे हम एक नॉर्मल एस एम एस किसी को भेजते हैं उसी तरह से आप किसी को एसएमएस के जरिए पैसा ट्रांसफर करोगे.
- यानी यह कितना आसान प्रक्रिया होगी अभी एक तरह से स्पेकुलेशन ही लगाई जा सकती है कि यह कैसे काम करेगा क्योंकि क्रिस्टल क्लिअर अभी किसी को कुछ नहीं है. धीरे धीरे करके जैसे जैसे ये पायलट प्रोजेक्ट क्लियर होता चला जाएगा क्योंकि इनीशियली होलसेल सेगमेंट के लिए से लॉन्च किया है.
कैसे काम करेगा e-rupee?
- आरबीआई की तरफ से एक प्रेस रिलीज जिसमें आरबीआई ने मेन्शन किया था कि 1 नवंबर 2022 से आरबी पायलट प्रोजेक्ट पर काम स्टार्ट करेगा.
- eRupee के Wholesale सेगमेंट पर CBDC यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेन्सी ने डिजिटल फॉर्म currency इश्यू की है और RBI ने कुछ स्टेप्स लेकर इन्फ्लेशन को कंट्रोल और फाइनैंशल स्टेबिलिटी को इम्प्रूव किया है.
- सिंपल टर्म्स में कहें तो यह एक डिजिटल कैश है जिसे आप एक दूसरे को ट्रांसफर कर सकते हो जैसे रीयल टाइम में बिना किसी इंटरनेट की हेल्प से एक तरह से किसी को टैक्स मैसेज सेंड करते है.
- RBI मार्केट में जैसे फिजिकल करेन्सी को इश्यू करता है बस ऐसे ही आरबीआइ डिजिटल फॉर्म में करेन्सी इश्यू करेगा.
- येई e-rupee हाइअर गवर्नमेंट इन्स्टिट्यूशन्स और गवर्नमेंट एजेंसीज़ के टाइअप से लॉन्च होगा.
- एनपीसीआइ यानी नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, डिपार्ट्मेन्ट ऑफ फाइनैंशल सर्विसेज, and मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने इसको jointly डेवलप किया है.
- वैसे तो डिजिटल और कैशलेस इकोनॉमी के लिए काफी टाइप के पेमेंट सिस्टम ऑलरेडी अवेलेबल है जैसे आइएमपीएस, आरटीजीएस, NEFT लेकिन इन सभी पेमेंट सिस्टम्स को ऐक्सेस करने के लिए बैंक अकाउंट्स, इन्टरनेट अवेलेबिलिटी और स्मार्ट फोन्स का होना जरूरी है लेकिन e-rupee सिम्पली एक कैश के लेन देन की तरह काम करेगा और रीयल टाइम में पेमेंट सेटल कर देगा.
- ये एक पाइलट प्रोजेक्ट है फिलहाल सिर्फ गवर्नमेंट एंटिटीज के लिए और कुछ लिमिटेड प्राइवेट प्लेयर्स के लिए जो इसे यूज़ कर पाएंगे. इसका यूज़ कुछ गवर्नमेंट बैंक्स, प्राइवेट बैंक्स और कुछ गवर्नमेंट कम्पनीज़ आपस में लेनदेन के लिए करेंगी और पायलट प्रोजेक्ट सक्सेस्स्फुल्ली कंप्लीशन के बाद कॉमन पब्लिक यूज़ कर पाएगी.
- फिलहाल के लिए एजेंसी के लिए जो मैक्सिमम वाउचर की denomination है वो ₹1,00,000 रखी गई है. मैक्सिमम एक बार में जो गवर्नमेंट एजेंसीज है वो ₹1,00,000 का लेनदेन कर पाएंगी और जो प्राइवेट प्लेयर्स है वो मैक्सिमम ₹10,000 तक की ट्रान्ज़ैक्शन कर सकते हैं.
- इस इन सबके अलावा ये जो है अभी पायलट प्रोजेक्ट के अंदर इसकी जो वैलिडेशन है यानी कितने टाइम तक ये वैलिड रहेगा उसे 1 साल रखा गया है की यह 1 साल तक वैलिड रहेंगे.
- अब को दो टाइप में डिवाइड किया गया है पहला है ई रूपी डब्ल्यू और दूसरा है ई रूपी आर अब यहाँ पर डब्ल्यू का मतलब है होलसेल और आर का मतलब है रिटेल.
- पायलट प्रोजेक्ट में फिलहाल होलसेल मार्केट जहाँ पर लिमिटेड ओर्गनाइजेशंस जैसे की बैंक और गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन्स कवर्ड है सिर्फ इन्हें ही इन्क्लूड किया गया है.
- अभी जो प्रोजेक्ट है वो सिर्फ होलसेल सेगमेंट के अंदर बैंक्स, कुछ प्राइवेट इन्स्टिट्यूट और गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन्स है जो इनिसिअली पायलट प्रोजेक्ट के अंदर इस तो यूज़ करेंगी. उसके बाद जैसे ही पहले प्रोजेक्ट सक्सेस्स्फुल्ली कंप्लीट हो जाता है उसके बाद कॉमन पब्लिक के लिए यानी रीटेल सेगमेंट इसी का यूज़ कर पायेगा. e rupi kya hai | e rupi in hindi.
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eRupee से देश को क्या क्या फायदे होने वाले हैं?
- सबसे बड़ा फायदा ये है की जो नकली नोट की प्रॉब्लम है, जीतने भी काउंटरफिट नोट है इनका जो प्रॉब्लम है वो हल हो जाएगा.
- फिजिकल नोट्स की प्रिंटिंग कॉस्ट भी सेव हो जाएगी क्योंकि पूरा पेपर बेस सिस्टम जो स्लो भी था, कॉस्ट्ली भी था और इसके साथ साथ अब जो यह नया सिस्टम है यह काफी ज्यादा इन्वाइरनमेंट फ्रेंडली भी रहेगा.
- गवर्नमेंट financial transactions को easily ट्रैक कर पाएगी और बहुत सारे important फाइनैंशल डिसिशन्स इकोनॉमी में ले सकते हैं क्योंकि सब कुछ मॉनिटर कर पाना आप गवर्नमेंट के लिए काफ़ी ईज़ी हो जाएगा.
- RBI की कॉस्टिंग भी कम हो जाएगी, पेमेंट सिस्टम अफेक्टिव होना, और मनीलॉन्ड्रिंग जैसी ऐक्टिविटीज़ भी prevent की जा सकती है.
- सबसे अच्छी बात यह है कि सब कुछ ऑथोराइज्ड नेटवर्क के थ्रू होगा क्योंकि यह सब कुछ गवर्नमेंट ही कंट्रोल करेगी इसके अलावा ट्रांजैक्शन कॉस्ट भी कम हो जाएग.
- जितनी भी गवर्नमेंट स्कीम्स है जैसे मिड डे मील हैं, या फिर कोई भी मेडिकल असिस्टेंट स्कीम होगी या किसी भी टाइप स्कीम्स है जिसमें डायरेक्ट कैश इन्वॉल्व होता था, की ऊपर से कैश आता था और नीचे एक पब्लिक तक कैश पहुंचता था तो इस के आने से ये सारा जो बीच का करप्शन था इसे भी खत्म किया जा सकता है.
क्या e-Rupi डिजिटल करेंसी क्रिप्टो करेंसी की तरह ही काम करेगी?
- अब काफी लोगों को एक सवाल ये भी होता है कि क्या ये डिजिटल करेंसी क्रिप्टो करेंसी की तरह ही काम करेगी अब यहाँ पर इसका सिंपल answer ये है कि ये जो डिजिटल ई रूपी है यह RBI कन्ट्रोल्ड है और ये गवर्नमेंट से रिलेटेड है और जो क्रिप्टोकरेंसी है वो डीसेंट्रलाइज्ड है और कोई गवर्नमेंट सपोर्ट भी नहीं है.
- एक तरफ जो e-Rupee है उसके पास पूरा गवर्नमेंट का सपोर्ट है, RBI कंट्रोल्ड है और एक तरह से सेंट्रलाइज करंसी है, वहीं जो क्रिप्टो करेंसी है उसके पास ना तो गवर्नमेंट का सपोर्ट है ना तो ये सेंट्रलाइज करंसी है यानी दोनों एक दूसरे से अलग है.
- वही इसके अलावा सीबीडीसी ने eRupee को लीगल टेंडर अनाउंस किया जैसे आप जब फिजिकल currency देखते हो तो वहाँ पे आरबीआई गवर्नर के साइन होते तो वो एक तरह से लीगल टेंडर हैं ऐसे ही eRupee भी एक लीगल टेंडर हैं.
- eRupee को बैंक्स में स्टोर कर सकते हो, आप एक तरह से बैंक में स्टोर किया जा सकता है लेकिन दूसरी तरफ सिर्फ क्रिप्टो करेंसी डिजिटल वॉलेट में ही स्टोर की जा सकती है.e rupi kya hai | e rupi in hindi.
eRupee का फ्रेमवर्क कौन कौन से रेग्युलेशन को फॉलो करता है?
- बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट 1949
- पेमेंट एंड सैटलमेंट सिस्टम एक 2007
- सेक्शन 43 ए ऑफ आईटी एक्ट 2000, आईटीरूल्स 2011
- सेक्शन 25 ऑफ पेमेंट एंड सैटलमेंट सिस्टम
बैंक जो के अभी फिलहाल eRupee कनेक्टेड है.
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
- कोटक महिन्द्रा बैंक
- आईसीआईसीआई बैंक
- बैंक ऑफ बरोदा
- एचडीएफसी बैंक
- यूनियन बैंक
- आईडीएफसी बैंक
- एचएसबीसी बैंक
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